कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत की कहानी

प्रिय पाठकों आज के लेख में, मैं आपको दो सच्ची डरावनी कहानियों के बारे में बताऊंगी, जो कसारा घाट के भूत से संबंध रखती हैं, जिसे कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत के नाम से जाना जाता है। ये कहानियां मुझे इंटरनेट से ही मिली है, जिन लोगो ने इस भूत का सामना किया उन्होंने अपने अनुभव कहानी के द्वारा इंटरनेट में शेयर किए और वो ही कहानियां आज मैं आपको दो भागो में शेयर करूंगी। कहानियां लिखने से पहले मैं आपको बताना चाहूंगी की कसारा घाट मुंबई-नासिक हाइवे पे स्थित हैं और जो लोग नासिक से संबंध रखते हैं उन्होंने इस भूत का सामना कई बार किया है। कहा जाता हैं यह कसारा घाट पहाड़ को काट कर बनाया गया है और जब यह घाट बनाया गया तब कई मजदूरों की मौत यहां हुई थी क्योंकि इसके एक तरफ पहाड़ और दूसरी तरफ मैदान(खाई) है। कहा जाता है की यहां पर कई लोगों को मारकर उनकी लाशों को ठिकाने भी लगाया गया है। जब यह घाट बनाया गया था तब यहां रात को लाइटों की रोशनी भी नही होती थी, क्योंकि उस समय इस रोड में लाइटों का कनेक्शन नहीं दिया गया था, उस समय आज के कसारा घाट की तरह का विकास नहीं हुआ था। यह कसारा घाट कई घुमावदार रास्तों से बना हुआ हैं जिससे रात के समय यहां कई एक्सीडेंट हुए हैं और कई लोगो ने अपनी जान गवाई हैं। कहा जाता हैं कि यह एक्सीडेंट पैरानॉर्मल एक्टिविटीज के कारण होते हैं। रात के समय यहां कई भटकती हुई आत्माएं लोगो ने देखी है जो एकदम गाड़ी के आगे आ जाती हैं या किसी और बहाने से गाड़ी चलाने वाले का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं, जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ जाता हैं और एक्सीडेंट हो जाता हैं और लोग अपनी जान गवा बैठते हैं। इसलिए रात के समय लोग यहां ड्राइविंग करने से बचते है। जिन लोगो ने यहां रात को ड्राइविंग की वो लोग या तो बचे ही नहीं और अगर कुछ खुशकिस्मत लोग बच भी गए तो उन्होंने अपने बुरे अनुभव लोगो के साथ शेयर किए, जिनमे से दो अनुभव आज में आपके साथ शेयर करूंगी। आपको इंटरनेट में कसारा घाट से संबंधित कई डरावनी कहानियां मिल जाएगी। लेकिन इस कसारा घाट का एक दूसरा खूबसूरत पहलू यह भी है कि रात के समय यह घाट जितना डरावना लगता है उतना ही यह सुबह और दिन के समय खूबसूरत दिखता है। लोग दिन के समय यहां के खूबसूरत नजारे देखने आते हैं। यहां पर कई जगह सुंदर झरने बहते हैं, बारिश के समय भी यह घाट बहुत सुंदर दिखता है। यह घाट अपनी खूबसूरत हरियाली और खूबसूरत घुमावदार पहाड़ी रास्तों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत की कहानी

कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत की पहली कहानी

यह कहानी मुंबई के एक बिजनेसमैन की हैं, यह घटना 1997-98 की बताई गई हैं। बिजनेसमैन के एक बचपन के बहुत अच्छे दोस्त की शादी नासिक में थी। बिजनेसमैन ने शादी से 3-4 दिन पहले ही नासिक पहुंचने की सोची जिससे वह दोस्त की शादी के कार्य में मदद कर सके। वह अपने दो दोस्तो के साथ नासिक पहुंचने की प्लानिंग करता है। उसने सोचा की वे सभी दिन के 11-12 बजे नासिक के लिए रवाना हो जाएंगे। लेकिन अपने एक दोस्त के आलसीपन की वजह से वे सभी शाम के 6 बजे नासिक के लिए रवाना हुए। बिजनेसमैन अपनी कार में दोनो दोस्तो के साथ कसारा घाट लगभग रात के 10:00-10:30 बजे पहुंचा। बिजनेसमैन बहुत ही ध्यान से गाड़ी चलाने लगा क्योंकि उस समय यह वन-वे रोड था और रोड में उस समय लाईट का कनेक्शन भी नही था।

कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत की कहानी

कार की लाईट से ही सड़क में रोशनी हो रही थी तभी एक घुमावदार मोड़ आया जहां सड़क की तरफ एक पेड़ था और वह सड़क की तरफ ही झुका हुआ था, तभी बिजनेसमैन का दोस्त जो कार की पीछे की सीट में बैठा था उसने कहा की पेड़ में कोई बैठा है। बिजनेसमैन उस अंधेरे रास्ते में ध्यान से ड्राईविंग करते हुए बोला की इस समय पेड़ में कौन बैठा हो सकता हैं? बिजनेसमैन रात के अंधेरे का ध्यान रखते हुए, धीरे-धीरे कार चलाने लगा तभी बिजनेसमैन के साथ बैठा हुआ दोस्त बिजनेसमैन से बोला की देख सचमुच पेड़ में कोई बैठा है। जैसे-जैसे कार पेड़ के पास पहुंचने लगी उन्हें कार की लाईट की रोशनी में कोई सफेद पोशाक में महिला दिखाई दी जो अपने पैर हिला रही थी, जैसे-जैसे कार पेड़ के ओर नजदीक पहुंची तो बिजनेसमैन और उसके दोनो दोस्तो ने कार की रोशनी उस महिला के पैरों से ऊपर की तरफ की तो उन्होंने ध्यान दिया की उस महिला का सिर नहीं था, यह देखते ही तीनों दोस्तो के होश उड़ गए, उन्हे काटो तो खून नहीं। बिजनेसमैन के हाथ से कार की स्टीयरिंग छूट गई। फिर उसने बड़ी मुश्किल से कार की स्टीयरिंग संभाली और जैसे तैसे अपनी कार दौड़ाई। बिजनेसमैन और उसके दोस्तो ने ध्यान दिया की जब वह अपनी कार को भगा रहे थे तो पीछे से उस महिला की जोर-जोर से हंसने की आवाज आ रही थी। उन्हें फिर आगे रास्ते में वह महिला कही दिखाई नहीं दी। कहा जाता हैं की वह बिना सिर वाली महिला भूत अमावस्या की रात को अक्सर दिखाई देती है।

कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत की कहानी

कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत की दूसरी कहानी

यह कहानी पूना में रहने वाले राजीव नाम के व्यक्ति की है, जो अपनी पत्नी नैना से बहुत प्यार करता था। दोनो एक खूबसूरत कपल थे। अचानक कुछ समय से नैना की तबियत खराब रहने लगी। उसने राजीव से कहा की उसे ऐसा लगता है की जैसे उस पर कोई नेगेटिव एनर्जी हावी हो रही हैं, कोई शैतान उसे अपने काबू में कर रहा है। लेकिन राजीव इन सभी बातों पर यकिन नहीं करता था, उसका मानना था की मेडिकल साइंस के समय में भूत-शैतान की बातें करना अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली बातें हैं। इसलिए उसने अपनी वाइफ का डॉक्टरी ईलाज करवाया, बड़े से बड़े डॉक्टर से लेकिन इससे कोई फायदा नही हुआ, नैना का वजन धीरे धीरे कम होने लगा, उसकी तबीयत धीरे-धीरे और ज्यादा बिगड़ने लगी। राजीव ने शहर के सबसे महंगे अस्पताल में नैना का ईलाज करवाया। राजीव ने नैना से कहा की वह घबराए नही, वह हमेशा उसके साथ रहेगा, लेकिन राजीव नैना के अंत समय में ही उसके साथ नहीं था। इस बात का अफसोस राजीव को बहुत था, इसलिए वह नैना की मौत के बाद डिप्रेशन में चला गया और वह शराब पीने का आदी हो गया, वह कोई काम नही करता था। अब उसे किसी बात का कोई होश नही था, वह एक बार नैना से मिलकर माफी मांगना चाहता था, वह उसे बताना चाहता था की वह उसे कितना प्यार करता है और उसने उसे अपनी गलती की वजह से खो दिया लेकिन अब यह उसके लिए मुमकिन नहीं था। ऐसे ही डिप्रेशन में एक दिन वह अपना फोन स्क्रॉल कर रहा था की तभी उसे एक आर्टिकल की हेडिंग दिखी जिसमें लिखा था की अगर आप अपने किसी प्रिय से उसकी मौत के बाद एक बार मिलना चाहते हो तो कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत से मिलिए, वह आपकी यह ईच्छा पूरी कर देगी। जैसे ही इस आर्टिकल की हेडिंग को राजीव ने पढ़ा उसका दिमाग चकरा गया। उसने उस आर्टिकल वाली वेबसाइट को खोला जो विज्ञापनों से भरी हुई थी, फिर उसने उस आर्टिकल को पूरा पढ़ा जिसमें यही लिखा हुआ था की अगर आप अपने किसी प्रिय से उसकी मौत के बाद एक बार मिलना चाहते है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। यह 100% सत्य है, लेकिन इसके लिए आपको हमारे इंस्ट्रक्शंस फॉलो करने होगें। अगर आप हमारे कहे अनुसार चलेंगे तो आप अपने प्रिय व्यक्ति से उसकी मौत के बाद भी एक बार मिल पाएंगे, उससे अपने दिल की अधूरी बात कह पाएंगे जो आप उनके जिंदा रहते हुए नही कह पाए और आपकी जिंदगी भी सुरक्षित रहेगी और यह सब संभव है कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत से मिलने के बाद लेकिन आपको हमारे इंस्ट्रक्शंस जरूर फॉलो करने होगें वरना आपकी मौत पक्की है। यह सब पढ़ने के बाद राजीव ने मन ही मन सोचा यह क्या बकवास है? क्या ऐसा सचमुच संभव हो सकता है? मैं इतना अंधविश्वासी कैसे हो सकता हू? लेकिन तब अगले ही पल उसे नैना का ख्याल आया की वह उसके आखिरी समय में उसके पास नही था, उससे एक बार मिलकर वह माफी मांगना चाहता था और उसे कोई दूसरा रास्ता भी नजर नहीं आ रहा था नैना से मिलने का इसलिए उसने उस आर्टिकल में लिखी हुई बातों को ध्यान से पढ़ा। उसमें साफ-साफ लिखा था की आपको हमारे इंस्ट्रक्शंस बार-बार तब तक पढ़ने होंगे जब तक की यह आपको अच्छी तरीके से याद ना हो जाए अगर आप इसमें से कोई भी स्टेप भूल गए तो आपकी मौत पक्की है। पहला स्टेप है की आपको कसारा घाट के लिए कार से जाना है बाईक से नहीं वरना आपकी मौत पक्की है। दुसरा स्टेप है की आपको कसारा घाट लगभग रात को 12 बजे से 1:45 तक पहुंचना है क्योंकि वह बिना सिर वाली महिला भूत उसी समय दिखाई देती हैं। तीसरा स्टेप आपको अपनी कार के सभी शीशे नीचे करने होगें और दरवाजे अनलॉक करने होंगे फिर चाहें बाहर कितनी भी बारिश क्यों ना आ रही हो। चौथा और मुख्य स्टेप है की आपको अपनी कार के इंडिकेटर मैदान(खाई) की तरफ करने होंगे, ऐसा लगना चाहिए की की आप अपनी कार को खाई में गिराना चाहते है (आप सभी को पता होगा कि कसारा घाट की सड़क की एक तरफ पहाड़ है और दूसरी तरफ खाई)। पांचवा स्टेप है की आपको अपनी कार के रेडियो को टर्न ऑन करना है ए एम बैंड पर (एफ एम बैंड पर नहीं) कोई रेडियो स्टेशन ट्यूनिंग नही करनी है, रेडियो की आवाज को थोड़ा खोलकर रखना है प्योर रेडियो स्टेटिक साउंड पर जिसमे रेडियो में से खर्र-खर्र की आवाज आती है उसी पर और दूसरी तरफ आपको अपनी कार को हर 500 मीटर की दूरी के बाद धीमी रफ्तार पर कर देना है फिर 5 सेकंड के लिए कार का हॉर्न बजाना है कार को रोकना नहीं है फिर कार की स्पीड बढ़ा देनी है अगले 500 मीटर आने तक यह प्रकिया आपको तब तक करनी है जब तक आपको पहली बार बिना सिर वाली महिला भूत नजर नहीं आए, जैसे ही वह भूत आपको पहली बार नजर आए आपको अपनी कार को नहीं रोकना है बल्कि जिस स्पीड से आप अपनी कार को चला रहे हो उसी स्पीड से चलाए अगर आपने अपनी कार रोक दी तो आपकी मौत निश्चित है, मतलब आपको एक झलक उसे देख कर कन्फर्म कर ले की वह वही भूत है और अपनी कार को उसी रफ्तार में चलाए जिस रफ्तार से आप चला रहे थे इस दौरान ना तो आपने अपनी कार रोकनी है और ना ही उस भूत को लगातार देखना है, जब आपको वह पहली बार दिखाई देगी उसके एक किलोमीटर बाद वह भूत आपको आपको दुबारा दिखाई देगी तब आपको अपनी कार उसके पास रोक देनी है इस बात का खास ख्याल रखे की वह खुद आपके सामने आनी चाहिए ना की आप उसका पीछा करे, जब आप अपनी कार उसके पास रोके तो आपको उसकी तरफ देखना नहीं है, आपकी कार का गेट अपनेआप खुलेगा और अपनेआप बंद हो जायेगा इसका मतलब की वह कार में आ चुकी है उसके बाद आपको एक साफ खाली गिलास में उसे कोकम जूस देना है जिसे वह ले लेगी इसके बाद सभी इंस्ट्रक्शंस खत्म हो जाते है क्योंकि वह कार में आ चुकी है, हर इंसान का अपना अलग-अलग अनुभव है अब सब निर्भर करता है आपके भाग्य पर और उस बिना सिर वाली महिला भूत के मूंड पर की आप जिंदा बचोगे या नहीं इसलिए बेस्ट ऑफ लक। हम आशा करते हैं की आप अपनी जिस ईच्छा के लिए उस भूत से मिलना चाहते हो वह आपकी उस ईच्छा को पूरा कर देगी लेकिन आपको यह ध्यान अवश्य रखना है की आपको कोई भी स्टेप नही भूलना है वरना आपकी मौत पक्की है। यह सब पढ़ कर राजीव का दिमाग चकरा गया की ऐसा कैसे संभव हो सकता हैं? उसका दिमाग यह बात मानने को तैयार ही नहीं था की ऐसा भी कुछ हो सकता हैं, लेकिन अगले ही पल उसके दिल में नैना के आखिरी समय में उससे ना मिलने का गम उसे था, वह उससे एक बार मिल कर माफी मांगना चाहता था और यह सब करने के लिए उसके पास कोई दूसरा तरीका भी नहीं था इसलिए उसने इस वेबसाईट में बताए गए तरीके को अपनाने की सोची और एक पेज में उसमें बताए गए सभी इंस्ट्रक्शंस उतार लिए। राजीव को तीन हफ्ते लगे अपने आपको शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करने पर अपने इस फैसले पर अडिग रहने पर उसने इस वेबसाईट पर बताए गए सभी इंस्ट्रक्शंस को अच्छे तरीके से याद कर लिया और सभी चीजों की अच्छी से तैयारी कर ली। इन तीन हफ्तों के दौरान कई बार उसने अपना फैसला बदलने की सोची की ऐसा कुछ संभव नहीं हो सकता लेकिन आखिर में उसने अपने आपको इस कार्य को पूरा करने के लिए तैयार कर ही लिया और तीन हफ्ते बाद शाम को 5 बजे वह कसारा घाट के लिए रवाना हो गया, राजीव पूना में रहता था और पूना से कसारा घाट तक का 5 घंटे का सफर था उसने अपने मोबाईल में गूगल मैप में कसारा घाट की लोकेशन डाल रखी थी जिसे वह फॉलो कर रहा था। पूना का ट्रैफिक पार करते हुए जब वह हाइवे पर पहुंचा तो अंधेरा हो चुका था कसारा घाट से लगभग 50-60 किलोमीटर पहले राजीव ने डिनर करने की सोची और उसने रात का खाना खाया फिर उसने टाइम देखा अभी भी उसके पास एक डेढ़ घंटा बाकी था उसने सोचा अभी थोड़ा सो लेता हूं और वह कार की बैक सीट पर सोने लगा लेकिन नींद उसकी आंखो से मिलों दूर थी वैसे भी ऐसी स्थिति में किसे नींद आएगी? वह यही सोचता रहा की वह जो करने जा रहा है क्या वह सही है? क्या वह सच में इतना बड़ा पागल है की वह भूतों के पीछे भागे। क्या उस वेबसाईट पर लिखी हुई बाते सच होगी? लेकिन फिर उसने सोचा की अगर सच में उस वेबसाईट पर लिखी हुई बाते सच हुई तो वह नैना से मिल पाएगा, उससे बाते कर पाएगा यही सब सोचते हुए रात के 12:30 बज गए अब उसने अपनी कार चलाई और कसारा घाट की एक्जैक्ट लोकेशन पर पहुंचा।

कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत की कहानी

कसारा घाट आने पर उसने अपनी कार रोकी, वह अकेला ही वहां था और कोई गाड़ी उसे दूर-दूर तक नजर नही आ रही थी, उसने सभी इंस्ट्रक्शन फिर से याद किए। वह कोकम जूस लाया था और एक साफ गिलास भी, उसने अपनी कार के ओडोमीटर को जीरो पर सैट किया, अपनी कार की सभी खिड़कियों को नीचे किया, रेडियो को सैट किया ए एम बैंड पर और फिर अपनी कार चलाई और कार के लेफ्ट इंडिकेटर को ऑन करके मैदान(खाई) की तरफ कर दिया और 500 किलोमीटर कार चलाकर उसे धीमी गति में कर दिया फिर कार का हॉर्न बजाया फिर 500 किलोमीटर कार चलाकर उसे धीमी गति में किया फिर हॉर्न बजाया यह प्रकिया उसने 6-7 बार की लेकिन उसे रास्ते भर कोई नही दिखाई दिया, उसे लगने लगा की उस वेबसाईट में लिखी हुई बातें सब बकवास है, उस पर यकीन करके वह यहां अपना समय बर्बाद करने आया है फिर उसने सोचा जब यहां तक आ ही गया है तो इस घाट को पार कर ही लेता हूं, खुली हुई खिड़कियों से ठंडी-ठंडी हवा अंदर आ रही थी उसने फिर अगले 500 किलोमीटर कार चलाकर उसे धीमी गति में किया फिर हॉर्न बजाया लेकिन उसे कोई भी रास्ते में दिखाई नहीं दिया उसने फिर 500 किलोमीटर कार चलाई और जैसे ही वह कार को धीमी स्पीड पर करने वाला था तभी उसे कार के रेडियो में एक अजीब सी आवाज सुनाई दी जैसे कूकर की सिटी बजती हैं धीरे से वैसे ही राजीव समझ गया की आसपास कुछ है उसने जैसे ही कुछ दूर देखा उसे वह महिला सड़क के किनारे नजर आई एक ब्लू ब्लैक साड़ी में और उसका सिर नहीं था। राजीव ने एक नजर उसकी तरफ देखा और अपनी कार आगे बढ़ा दी (राजीव को याद था की उसे उस भूत के सामने सामान्य रहना है चाहे वह अंदर से कितना भी डरा क्यों ना हों) अब राजीव के रोंगटे खड़े हो गए थे, वह अंदर ही अंदर कांपने लगा, वह सारे इंस्ट्रक्शंस भूल चुका था, उसे समझ नहीं आ रहा था की अब वह क्या करे? (आप लोग समझ सकते है ऐसे हालात में किसी भी इंसान की शारीरिक और मानसिक स्थिति कैसी होगी?) क्या वह कार को रोक दे? नही उसने कार के ओडोमीटर को देखा लेकिन डर की वजह से उसे उसके नंबर ही नजर नहीं आए, उसने अपने मन को बड़ी मुश्किल से एकाग्र किया और सारे इंस्ट्रक्शंस को फिर से रिपीट किया और उसे याद आया की अगले 500 मीटर आने तक कार एक ही स्पीड में चलानी है और फिर उसके बाद कार की स्पीड स्लो कर देनी है और फिर कार का हॉर्न बजाना है, उसे यह भी याद आया की जब वह बिना सिर वह बिना सिर वाली महिला भूत पहली बार दिखाई देगी उसके 1 किलोमीटर की रेंज में वह दुबारा दिखाई देगी इसलिए उसने कार का ओडोमीटर चेक किया और 500 मीटर आने तक कार को एक ही स्पीड में चलाया और फिर उसके बाद कार की स्पीड स्लो कर दी और फिर जैसे ही कार के हॉर्न पर हाथ रखा उसे बजाने के लिए दुबारा वही बिना सिर वाली महिला भूत नजर आई एक आम के पेड़ के नीचे, राजीव का सपना सच हो गया था वह जिससे मिलना चाहता था वह सामने खड़ी थी अब राजीव की बारी थी आगे के प्रोसेस को पूरा करने की उसे याद था की उसे आगे क्या करना है? उसने अपनी कार उसके आगे रोक दी उसने उसकी तरफ नही देखा, उसने सिर्फ उस महिला के कमर तक ही देखा क्योंकि उसे याद था की उसे बताए गए इंस्ट्रक्शंस में यह बताया गया था की उसे उस महिला के सामने उसके सिर की तरफ नही देखना है लेकिन वह अंदर ही अंदर बहुत डरा हुआ था, उसके मन में हजारों सवाल आ रहे थे की अब वह क्या करे? क्या वह कार का दरवाजा खोले या वह खुद ही कार के अंदर आ जाएंगी? क्या वह कार के अंदर आकर उसे मार डालेगी? उसकी इसी उधेड़बुन में अचानक कार की पिछली पैसेंजर सीट का दरवाजा अपनेआप खुला और उसके खुलते ही अचानक एक ठंडी हवा का झोंका अंदर आया ऐसा महसूस हुआ और फिर दरवाजा अपनेआप ही बंद हो गया, राजीव समझ चुका था की वह कार के अंदर आ चुकी हैं फिर राजीव ने एक गिलास में उसे कोकम जूस ऑफर किया (राजीव का कई बार मन किया की वह कार के मिरर में उसे देखे लेकिन उसे याद था की उसे उसकी तरफ नहीं देखना है) उस महिला ने जैसे ही राजीव से वह गिलास लिया उसका हाथ राजीव के हाथ से टच हुआ राजीव के पूरे शरीर में सिहरन सी पैदा हो गई उसे ऐसा लगा जैसे उसने किसी बर्फ को छुआ हो, फिर वह कार चलाने लगा और वह सोचने लगा की क्या अब वह सच में नैना से मिल पाएगा? सुनसान हाइवे पर राजीव की कार चली जा रही थी, राजीव को समझ नहीं आ रहा था की वह नैना से कैसे बात करेगा? उसे समझ नही आ रहा था की पहले वह बातचीत शुरू करे या वह बिना सिर वाली महिला भूत के बातचीत शुरू करने का इंतजार करे, वह सोचने लगा की अगर कही वह बातचीत करना शुरू कर दे और वह कोई रूल तोड़ दे तो वह बिना सिर वाली महिला भूत कही उसे मार ना दे, यही सब सोचते हुए वह कार चला रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था की वह क्या करे? पूरी कार में एक अजीब सी खामोशी थी, राजीव अपने सवालों में खोया हुआ कार चलाए जा रहा था तभी एक आवाज “राजीव” ने इस खामोशी को तोड़ा। राजीव की तो बस सांसे थम गई इतने महीनो से वह जो कर रहा था इसी एक आवाज को सुनने के लिए तो कर रहा था आज उसे नैना से मिलने का मौका मिल पाया नैना की आवाज सुनते ही राजीव की आंखों में खुशी के आंसू आ गए वह बोला नैना क्या सच में तुम हो? उधर से नैना बोलती हैं हां राजीव और कौन हो सकता है? तब राजीव बोला ओह नैना मैं कब से तुम से मिलना चाहता था, तुम से बात करना चाहता था मैने तुम्हे बहुत बहुत बहुत याद किया। तो नैना बोलती हैं हां राजीव मैं भी तुम्हे बहुत याद करती थी आई लव यू। राजीव बोलता है आई लव यू टू नैना मुझे माफ कर दो। नैना बोलती है ठीक है राजीव। राजीव बोलता है नहीं नैना अगर मैं उस समय तुम्हारी बाते सुन लेता तुम पर विश्वास कर लेता तो शायद आज यह दिन हमें नहीं देखना पड़ता आज तुम मेरे साथ होती। नैना ने कहा कोई बात नहीं राजीव अब कुछ नहीं हो सकता। राजीव ने कहा नही नैना मुझे माफ कर दो मैने तुम्हे खो दिया अपनी गलती की वजह से और ऐसा कहकर वह रोने लगा तब नैना ने कहा रोओ मत राजीव और मेरी तरफ देखो। राजीव ने फिर अपनी कार स्लो की वह एक हाथ से ड्राइव करने लगा और अपना एक हाथ उसने बैक सीट पर रखा फिर वह कार की पिछली सीट पर देखने के लिए उसने अपनी गर्दन घुमाई वहा उसे अंधेरे में कुछ भी नहीं दिखाई दिया बस एक परछाई दिखाई दी उसमे उसे नैना नही दिखाई दे रही थी फिर उसने आगे से अपनी कार की लाईट जलाई और फिर से पीछे मुड़ के देखा तो वहां उसे नैना दिखाई दी वो बिल्कुल नैना ही थी उस औरत ने एक्जैक्ट नैना का चेहरा ले लिया था राजीव की खुशी का ठिकाना नहीं रहा उसके सामने उसकी मरी हुई पत्नी वापस आ गई थी वह चाहता था की वह अपनी कार रोककर उसे अपने गले लगा ले लेकिन वह ऐसा कर नही पाया। तब उधर से नैना बोलती हैं तुम रोओ मत राजीव चुप हो जाओ रोने से कोई फायदा नहीं है अब तो वैसे भी मैं मर चुकी हूं जैसे ही राजीव ने नैना को बोलते हुए देखा राजीव का दिल थम सा गया राजीव ने सोचा था की वह अपनी पत्नी से मिलेगा लेकिन सामने उसकी पत्नी नहीं थी।

कसारा घाट की बिना सिर वाली महिला भूत की कहानी

नैना जैसे बोल रही थी ऐसा लग रहा था की कोई मैकेनिकल मशीन बोल रही है जैसे की रोबोट बोलता है वैसे ही उसके होठ हील रहे थे उसके चेहरे पे कोई भाव नहीं थे उसकी आंखे बिलकुल अंदर को गहराई हुई थी जिसमे राजीव देख रहा था राजीव को लगा की उसने यह सब इसलिए नहीं किया था वह अपनी पत्नी से मिलना चाहता था किसी भूत से नहीं लेकिन राजीव को अब कुछ समझ नहीं आ रहा था। वह कार रोककर अब वहां से चला जाना चाहता था राजीव ने जैसे ही कोशिश की नैना से नजरे हटाने की कोई सुपर नेचुरल फोर्स ने उसे जकड़ लिया वह चाहकर भी नैना की आंखो से अपनी आंखे नही हटा पा रहा था और कार अपनी स्पीड में दौड़ी जा रही थी धीरे-धीरे राजीव की सारी मसल्स टाईट होने लगी सिर्फ उसका एक हाथ फ्री था जिससे वह कार की स्टीयरिंग व्हील को चला रहा था वह भी अपनी मर्जी के बिना राजीव लगातार नैना की आंखो में देख रहा था उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसे कोई सीट से बांध कर लगातार बेल्ट से खींच रहा था उसके शरीर की सारी मसल्स टाईट हो गई थी एक्सीलेटर अपनेआप बहुत फास्ट उसका पैर एक्सीलेटर पर चला गया था और जो हाथ था वो उसको ड्राइव कर रहा था। राजीव ने कोशिश की कुछ बोलने की लेकिन वह कुछ भी नहीं बोल पा रहा था तभी वहां से अचानक नैना बोलती हैं क्यों राजीव मैने कहा था ना मुझ पर भरोसा कर लो लेकिन तुमने मुझ पर भरोसा नहीं किया तुम हमेशा बोलते रहे। मैं तुमसे कहती थी की कोई है कोई है जो मुझे अपने साथ ले जाना चाहता है वह एक शैतान है जिसने मेरे ऊपर काबू कर लिया है, वह मुझे अपने साथ ले जाना चाहता है लेकिन तुम तुमने मुझ पर कभी भरोसा नहीं किया तुम हमेशा यहीं कहते रहे की तुम हॉस्पिटल में ठीक हो जाओगी तुम हॉस्पिटल में ठीक हो जाओगी और तुम अपनी जिम्मेदारियों से भागते रहे। राजीव बस उसकी बाते सुन रहा था और उसकी आंखो से आंसू लगातार निकले जा रहे थे राजीव कुछ बोलना चाहता था राजीव ने कोशिश की लेकिन कुछ नहीं निकला उसके मुंह से सिर्फ एक हल्की से प्लीज की सी आवाज निकली गले से और राजीव को समझ में आ गया था की वह यहां पर बुरी तरह से फस चूका है वापस से नैना ने बोलना शुरू किया क्या तुम्हें लगता हैं राजीव तुमने सही किया? तुम्हें पता है तुमने सही नहीं किया और अब तुम्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी राजीव तुम्हे पता है तुम इसकी कीमत कैसे चुकाओगे? हां राजीव तुम्हें मरना होगा तुम्हें अब मरना होगा और यही इस चीज का पूरा हिसाब होगा। राजीव ने बहुत कोशिश की चिल्लाने की लेकिन उसके शरीर पर उसका नियंत्रण नहीं था उसने बहुत कोशिश की वह बहुत तेज चीखे-चिल्लाए लेकिन वह ऐसा कुछ भी नही कर पा रहा था तभी अचानक से नैना की आंखे और ज्यादा शार्प हुई और अचानक से जो स्टीयरिंग व्हील होता है वो लेफ्ट साइड मुड़ता हैं और जैसे ही लेफ्ट साइड मुड़ता है कार एकदम से खाई की तरफ मुड़ती है और खाई में जा गिरती है और उसी समय राजीव का अपना शरीर पर नियंत्रण हो जाता हैं उसके शरीर की सारी मासपेशियां ठीक हो जाती हैं लेकिन अब कुछ नहीं बचा था। फाइनली वह कार खाई में गिरती हैं और अगली बार जब राजीव की आंख खुलती हैं तो वह हॉस्पिटल में था बिल्कुल टूटा हुआ, बिखरा हुआ और पैरालाइज्ड। ये थी राजीव की कहानी। राजीव ने कोशिश की अपनी मरी हुई पत्नी से बात करने की। अगर राजीव समय पर नैना की बात सुन लेता तो शायद नैना उसके साथ होती और आज भी फाइनल टाईम पर राजीव यह पता करने आया था की क्या नैना सही थी? क्या वास्तव में नैना को कोई शैतान डरा रहा था? क्या उसकी मौत की कोई और वजह थी? यानी की राजीव नैना से प्यार नहीं करता था वह सिर्फ और सिर्फ नैना की मौत की सच्चाई जानना चाहता था जिसे उस बिना सिर वाली महिला भूत ने भांप लिया और उसने कोशिश की राजीव को मारने की लेकिन वो कहते है न जाको राखे साइयां मार सके ना कोई। राजीव आज भी जिंदा हैं लेकिन उसकी जिंदगी अब व्हील चेयर पर आ चुकी हैं।

निष्कर्ष

प्रिय पाठकों हम इन कहानियों से अंधविश्वास को बढ़ावा नही देते है लेकिन यह भी सच है की धुआं वही उठता है जहां आग लगी हो, इसलिए जब कोई अपनी बात को लगातार दोहराएं तो एकबार उसके नजरिए से भी हमे देखना चाहिए, क्योंकि जिंदगी हर बार हर किसी को मौका नहीं देती है, जो राजीव ने खोया वो कोई और अपनी जिंदगी में ना खोए और वैसे भी 84 लाख योनियों के बाद इतनी मुश्किल से तो मनुष्य जन्म मिलता है।

 

 

 

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