भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप

प्रिय पाठको, आपने ऐसी कई डरावनी जगहों के बारे में सुना होगा जहां एक, दो या उससे अधिक भूतों के होने के बारे में कहा जाता हैं लेकिन आज के लेख में आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताया जाएगा जहां एक, दो नही बल्कि 1.6 लाख या उससे अधिक भूतों के होने के बारे में कहा जाता हैं, जो सभी एक द्वीप में रहते हैं जिसे भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप के नाम से जाना जाता हैं। यह द्वीप दुनिया के खूबसूरत देशों में शामिल देश इटली में स्थित हैं। यह द्वीप इटली के वेनिस शहर और लिडो के बीच वेनेशियन खाड़ी में स्थित हैं। एक छोटी सी नहर द्वीप को दो भागों में विभाजित करती हैं।

भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप

पोवेग्लिया द्वीप का इतिहास

पोवेग्लिया द्वीप का इतिहास 421 से मिलता है। इटली में जब युद्ध होता तो युद्ध से बचने के लिए लोग यहां निवास करते थे। 1379 तक लोगो की आबादी यहां थी। उसके बाद अन्य-अन्य समुदाय के लोगो ने अपने-अपने वर्चस्व के लिए यहां हमला किया जिसमें काफी लोग मारे गए और जो बच गए वो दूसरी जगह स्थानांतरित हो गए। उसके बाद यह द्वीप वीरान रहा। 1776 के बाद यह द्वीप प्लेग से पीड़ित लोगो के लिए एक क्वारेंटाइन स्टेशन के रूप में प्रयोग हुआ जहां बाद में 1.6 लाख लोगों को जिंदा जला दिया गया। यहां एक मानसिक अस्पताल भी खोला गया जिसे 1968 में बंद कर दिया गया, उसके बाद से यह द्वीप फिर से वीरान हो गया। यह द्वीप अपनी प्रेतवाधित घटनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं जिस वजह से इस द्वीप को भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप के नाम से भी जाना जाता हैं। इसलिए इटली की सरकार ने यहां किसी के भी आने जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है।

भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप

1.6 लाख लोगो को जिंदा जला देना

14वी शताब्दी में बुबोनिक प्लेग या ब्लैक डेथ ने यूरोप की आधी आबादी को खत्म कर दिया। जब यह प्लेग इटली में पहुंचा तो प्लेग से संक्रमित लोगो को क्वारेंटाइन करने के लिए पोवेग्लिया द्वीप में भेजा गया तथा इस दौरान पानी के दो जहाजों को भी इटली में प्रवेश करने से पहले इसी द्वीप में भेजा गया क्योंकि उसमे भी प्लेग से संक्रमित कुछ लोग शामिल थे। इस द्वीप को सेल्फ आइसोलेशन के लिए भी प्रयोग किया गया। पोवेग्लिया द्वीप 17 एकड़ में फैला हुआ है। जब इटली में प्लेग पीड़ित मरीज और पाए गए तो उन्हे भी पोवेग्लिया द्वीप भेजा गया जिससे द्वीप में मरीजों की संख्या ज्यादा हो गई और उनके रहने की जगह कम इसलिए जिन मरीजों के बचने की कोई आशा नहीं थी उन्हें जिंदा जला दिया गया और उनकी संख्या 1.6 लाख बताई जाती है। इसलिए इस द्वीप का 50% हिस्सा मानव राख का बताया जाता हैं। तब से यहां भूतों के होने के बारे में कहा जाता है। इसलिए इस द्वीप को भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप कहते है।

भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप

 

पोग्वेलिया द्वीप का मानसिक अस्पताल

इस द्वीप पर बाद में एक मानसिक अस्पताल भी खोला गया जहा पागलों का ईलाज होता था। उड़ती हुई अफवाहों से पता चलता है कि उन पागलों पर कई दर्दनाक प्रयोग किए गए डॉक्टर्स द्वारा जिनमें से कई पागल मर गए और उनकी आत्मा फिर उन डॉक्टर्स को परेशान करने लगी। जिससे परेशान होकर एक डॉक्टर ने 1930 में घंटाघर से कूदकर आत्महत्या कर ली और तब से यह द्वीप और भी ज्यादा डरावना घोषित हो गया, जहां पर प्लेग पीड़ित मरीजों के भूत, पागल मरीजों और उनके डॉक्टर्स के भूत पाए जाते है। जिस वजह से इस द्वीप का नाम भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप पड़ा। अब यह अस्पताल बहुत ही दयनीय स्थिति में है।

भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप

पोवेग्लिया द्वीप की आज की स्थिती

इटली की सरकार ने इस द्वीप को कई बार बसाने और बेचने की कोशिश की लेकिन इस द्वीप की प्रेतवाधित घटनाओं की वजह से वह हर बार नाकाम हो जाती हैं। इसलिए इटली सरकार ने यहां किसी के भी आने जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। अगर कोई मछुआरा गलती से यहां मछली पकड़ने चला जाए तो उसके जाले में इंसानी हड्डियों के अलावा कुछ नहीं आता। यहां रात के समय अजीबोगरीब आवाजे और भूतिया घटनाओं के होने का जिक्र मिलता है।

भूतों का द्वीप पोवेग्लिया द्वीप

अब यहां की सारी इमारतें जर्जर हालत में है। पेड़-पौधो और झाड़ियों ने यहां सब जगह अपना निवास बना लिया है।

 

 

 

 

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